Tuesday 17 May 2011
Sunday 15 May 2011
एक बार इस सवाल पर गौर फरमाईये...
एक सुलगता हुआ यह सवाल है,
इस मुल्क को अब जवाब चाहीये,
चर्चाएँ तो होती राहेंगी,
एक बार इस सवाल पर गौर फरमाईये...
इसे सवाल समझें या समस्या, दोनों है जटिल,
अन्ना हज़ारे ने धड़का तो दिया है करोड़ो का यू दिल,
भ्रष्टाचारेयों की सासें हो रही है बोझिल,
अब सोचने, विचरने और समझने का मुद्दा तो यही है,
देखीए इसी वर्ष के मॉनसून सत्र में क्या पास हो पाएगा लोक पल बिल ?
ट्रेवर क्रिस्टोफर जेम्स
जय हिन्द !!!
Thursday 12 May 2011
ये कैसे विमान है?
सभी जानते है, क्या इक्कीसवी सदी के हिंदुस्तान की क्षमता का निर्माण है,
फिर भी क्यो? भ्रष्टाचरिता के खरीदे हुए पुरज़ों के निर्मित विमान है?
क्या शहादती जज़्बा लिए, हिंदुस्तानी परिंदों की बेकदरी के लिए जान है?
और यह कैसे विमान है?
फिर भी क्यो? भ्रष्टाचरिता के खरीदे हुए पुरज़ों के निर्मित विमान है?
क्या शहादती जज़्बा लिए, हिंदुस्तानी परिंदों की बेकदरी के लिए जान है?
और यह कैसे विमान है?
क्या यही कार्गिल है?
चिंता कहाँ सृजन है?
मुद्दा बहुत गहन है,
पैदा हुए और जिये, हम मुलकीयों की तरह,
खत्म हुए, निशुलकियों की तरह,
क्या यही इस मुल्क का दिल है?
क्या यही कार्गिल है?
मुद्दा बहुत गहन है,
पैदा हुए और जिये, हम मुलकीयों की तरह,
खत्म हुए, निशुलकियों की तरह,
क्या यही इस मुल्क का दिल है?
क्या यही कार्गिल है?
Tuesday 10 May 2011
इस ज़िंदिगी का मक़सद मुझे समझा मेरे मौला।
चंद मुफ़लिसे अईयाम मंजूर मेरे मौला,
चंद आबादीये अईयाम रेहमत तेरी मौला,
इस ज़िन्दगी का मक़सद मुझे समझा मेरे मौला,
हर मंज़िले मखतूब, मर्ज़ी तेरी मौला,
बस तू ही तू, बस तू, मेरे मौला,
मेरा मौला।
चंद आबादीये अईयाम रेहमत तेरी मौला,
इस ज़िन्दगी का मक़सद मुझे समझा मेरे मौला,
हर मंज़िले मखतूब, मर्ज़ी तेरी मौला,
बस तू ही तू, बस तू, मेरे मौला,
मेरा मौला।
ज़िंदिगी है खुदा की।
जी रहे है सब खुशी से आपने दम पर,
यह सब का भरम है,
सासें ले रहे है उसी की मर्ज़ी से,
यह उसी परवरदिगार की रहनुमाई का करम है।
यह सब का भरम है,
सासें ले रहे है उसी की मर्ज़ी से,
यह उसी परवरदिगार की रहनुमाई का करम है।
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